About Shiv Chalisa

अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

Shri Shiv Chalisa is essential because it retains an unconditional hymn that is dedicated to Lord Shiva. From the chalisa, there are 40 verses that praise and invoke the blessings of Lord Shiva. The Chalisa performs being a connector to connect devotees into the divine Electricity of Lord Shiva and consider his pilotage, blessings, and protections.

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अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

Good day, my identify is Pandit Radhe Krishna. I think God is The one thing in life we must always dedicate our the perfect time to. Maintain browsing this blog and maintain chanting God's name.

नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

जो get more info यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।

चालिसा भगवान शिवाशी मजबूत आध्यात्मिक संबंध निर्माण करण्यास मदत करते. दररोज श्री शिव चालिसाचा जप केल्याने भक्ताला शांती, आंतरिक शक्ती आणि आध्यात्मिक वाढ मिळेल.

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